Supreme Court : आ गया नया कानून 24 हफ्ते में गर्भपात (Abortion Legal) वैध, विवाहित तथा अविवाहित सभी महिलाओ को गर्भपात का अधिकार । Abortion legal in 24 Weeks, right to Abortion for all Married and Unmarried Womenomen in Hindi
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सुप्रीम कोर्ट ने आज देश की सभी महिलाओं को गर्भपात का अधिकार दे दिया, चाहें वो विवाहित हों या अविवाहित। इस ऐतिहासिक फैसले में शीर्ष कोर्ट ने कहा कि मेडिकल टिर्मनेशन ऑफ प्रेग्नेंसी एक्ट के तहत 24 सप्ताह में गर्भपात का अधिकार सभी को है। इस अधिकार में महिला के विवाहित या अविवाहित होने से फर्क नहीं पड़ता।
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सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि किसी महिला की वैवाहिक स्थिति को उसे अनचाहे गर्भ गिराने के अधिकार से वंचित करने का आधार नहीं बनाया जा सकता है।
एकल और अविवाहित महिलाओं को भी गर्भावस्था के 24 सप्ताह में उक्त कानून के तहत गर्भपात का अधिकार है।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि कानून वैवाहिक स्थिति के छिछले आधार पर ऐसे 'कृत्रिम वर्गीकरण' नहीं कर सकता। अदालत ने कहा कि सरकार यह सुनिश्चित करे कि सभी को प्रजनन और सुरक्षित सेक्स की जानकारी हो ताकि अनचाहे गर्भ न ठहरें। बेंच ने कहा कि प्रजनन में स्वायत्तता का शारीरिक स्वायत्तता से बेहद करीबी रिश्ता है। ताजा मामला जुलाई के एक आदेश से निकला है जिसमें शीर्ष अदालत ने एक अविवाहित महिला को 24 हफ्ते के गर्भ को गिराने की अनुमति दे दी थी। वह गर्भ सहमति से बने संबंधों के चलते ठहरा था।
मामला क्या है?
याचिकाकर्ता मणिपुर की रहने वाली हैं और दिल्ली में रहती हैं। गर्भावस्था का पता चलने पर उन्होंने दिल्ली हाई कोर्ट का रुख किया था। हाई कोर्ट ने कानून का हवाला देते हुए 20 हफ्तों से ज्यादा के गर्भ को गिराने की इजाजत से इनकार कर दिया था। हाई कोर्ट ने यह भी कहा कि कानून अविवाहित महिलाओं को मेडिकल प्रक्रिया के जरिए गर्भपात के लिए समय देता है। विधायिका ने आपसी सहमति से संबंध को किसी मकसद से ही उन मामलों की श्रेणी से बाहर रखा है, जहां 20 हफ्तों से 24 हफ्तों के बीच गर्भपात की इजाजत है। इसके बाद महिला ने सुप्रीम कोर्ट मे अपील दाखिल की। 21 जुलाई को SC ने दिल्ली हाई कोर्ट का फैसला पलट दिया था। उस SC बेंच को भी जस्टिस चंद्रचूड़ लीड कर रहे थे।
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